Thursday 13 April 2017

विलुप्त हो रही है पौराणिक मालिनी नदी

उत्तराखंड के मध्य हिमालय की शिवालिक पहाड़ियों से निकलने वाली मालिनी नदी विलुप्त होने के कगार पर है. दिलचस्प है कि इस नदी को बचाने के लिए दूसरे राज्य के लोग भी गुहार लगा रहे हैं.
हिमाचल के राज्यपाल डॉ. देवव्रत ने मालिनी नदी को बचाने के लिए उत्तराखंड राज्य सरकार से अपील की है. इतना ही नहीं यूपी के दो बार सीएम रहे डॉ. सम्पूर्णानंद ने भी  कण्वाश्रम आकर इस नदी को बचाने की पहल शुरू की थी, लेकिन अफसोस उसके बाद किसी ने इस ओर ध्यान नही दिया.
पवित्र नदियों में गिनती
विलुप्ति की कगार पर पहुंच गई मालिनी को गंगा, यमुना और सरस्वती के समान ही पवित्र और जीवनदायिनी माना जाता है. मध्य हिमालय की शिवालिक पर्वत श्रृखलाओं से निकलने वाली इस नदी को मालन नदी  भी कहा जाता है.
इस नदी का जिक्र महाकावि कालिदास ने अपने महाकाव्य अभिज्ञान शंकुतला में भी किया है. महाकवि कालिदास ने अपने महाकाव्य में इस नदी को अयोध्या के निकट पर सरयू नदी में मिलन बताया है.
डॉ. देवव्रत का कहना है कि राज्य सरकार को नदी बचाओ आंदोलन से जुडे़ लोगों को इस नदी को बचाने की जिम्मेदारी सौंप देनी चाहिए, जिससे विलुप्ति के कगार पर पहुंची मालन नदी का पुराना स्वरूप जिंदा हो सके.