Tuesday 13 June 2017

हमारे खुले समाज में एक जिम्मेदार प्रेस की आवश्यकता है ताकि जवाबदेही निश्चित की जा सके : उप राष्ट्रपति

नेशनल हेराल्ड के स्मारक संस्करण के विमोचन के दौरान अभिभाषण
उपराष्ट्रपति श्री एम. हामिद अंसारी ने कहा है कि हमारे समाज में एक जिम्मेदार प्रेस के आवश्यकता है ताकि जवाबदेही निश्चित की जा सके। वे आज कर्नाटक के बैंगलुरू में नेशनल हेराल्ड के स्मारक संस्करण के विमोचन के दौरान अभिभाषण दे रहे थे। कर्नाटक के राज्यपाल श्री वाजुभाई रूदाभाई वाला, मुख्यमंत्री श्री के. सिद्दारमैया, उपाध्यक्ष अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी श्री राहुल गांधी तथा अन्य विशिष्ट व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत में पत्रकारिता का इतिहास हमारे स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास से बहुत गहराई से जुड़ा हुआ है। उऩ्होंने आगे कहा कि प्रेस ने लोगों को शिक्षित, संतुष्ट तथा संगठित करने में अहम भूमिका निभाई है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि जवाहर लाल नेहरू ने एक स्वतंत्र, मुक्त तथा ईमानदार प्रेस का सपना संजोया था और उन्होंने स्वतंत्र भारत में प्रचार माध्यम से जुड़े लोगों के हितों पर बहुत निगरानी रखी। उन्होंने आगे कहा कि कार्यकारी पत्रकार अधिनियम जिसमें पत्रकारों को उच्च दर्जे की सुरक्षा देने, प्रेस की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया था, मुख्यतः उन्हीं की देन थी।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि सत्य से परे (पोस्ट ट्रुथ) तथा वैकल्पिक तथ्यों के इस युग में जहां विज्ञापन जनित संपादकीय तथा प्रतिक्रिया-लेख संपादकीय लेखों से वरियता पाते हैं, हमें नेहरू के प्रजातंत्र में सुरक्षा गार्ड की भूमिका अदा करने वाली, तथा उसकी पत्रकारिता को शक्ति प्रदान करने वाले और लोकाचार सिद्धांतों पर नजर रखने वाले प्रेस के दृष्टिकोण को भलीभांति स्मरण करना होगा। उन्होंने आगे कहा कि हमारी संवैधानिक संरचना में राज्य को प्रेस तथा समाज के सुचारू रूप से संचालन के लिए अपेक्षित हस्तक्षेप का अधिकार है। उन्होंने यह भी कहा कि कानून में यह प्रावधान है कि इस प्रकार का हस्तक्षेप अधिकांश जनहित में हो।

source: Press Information Bureau / June 12, 2017

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